झुन्ना और रुपेश के बाद शातिर हनी भी बिना एक गोली चले पुलिस के हत्थे चढ़ा
भले ही छुटभैय्या बदमाश मुठभेड़ में गोली खाने के बाद गिरफ्तार हो रहे हों लेकिन शातिर और बड़े इनामी बदमाशों की गिरफ्तारी बेहद आसानी से बिना एक गोली चलाए ही हो रही है। झुन्ना पंडित और रुपेश सेठ के बाद शातिर बदमाश अभिषेक सिंह उर्फ हनी सोमवार को बिना कोई गोली चलाए ही आसानी से गिरफ्त में आ गया। पुलिस के अनुसार हनी को पांडेयपुर चौराहे से पकड़ा गया। झु्न्ना पंडित और रुपेश की पिछले महीने गिरफ्तारी हुई थी। झुन्ना की 11 अक्तूबर को पंजाब में गिरफ्तारी हुई और वाराणसी पुलिस आज तक उसे यहां नहीं ला सकी है। 25 अक्तूबर को रुपेश की गिरफ्तारी कैंट इलाके से हुई थी। रुपेश सेठ दस साल से फरार चल रहा था।
हनी को गिरफ्तार करने वाली पुलिस ने दावा किया कि एक अन्य बदमाश विवेक सिंह कट्टा इस दौरान फरार हो गया। पुलिस की पूछताछ में हनी ने बताया कि दोनों ने शातिर अपराधी झुन्ना पंडित के कहने पर रंगदारी मांगी। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने हनी को सीजेएम कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
पांडेयपुर नई बस्ती निवासी अरविंद सिंह की इसी क्षेत्र में दुकान है। पुलिस के मुताबिक 17 नवंबर को हनी और विवेक सिंह कट्टा दुकान पर गये और अरविंद सिंह से पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगी। बताया कि वे दोनों झुन्ना पंडित के कहने पर रंगदारी मांगने आये हैं। रुपये न देने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी। अरविंद सिंह की शिकायत पर अभिषेक सिंह, विवेक सिंह और झुन्ना पंडित के खिलाफ रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज किया गया।
गैंगस्टर व गुंडा एक्ट समेत 23 मुकदमे
हिस्ट्रीशीटर हनी सिंह पर गाजीपुर के बड़ेसर थाना, समेत वाराणसी के कैंट व अन्य अलग-अलग थानों में गैंगस्टर व गुंडा एक्ट समेत 23 मुकदमे दर्ज हैं। अभिषेक के खिलाफ कैंट थाने में साल 2005 में आर्म्स एक्ट में पहला मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद तीन हत्या, दो गैंगस्टर, गुंडा एक्ट, रंगदारी समेत अन्य कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हुए। इन मुकदमों में जमानत पर वह इस समय जेल से बाहर था।